सड़कनामा
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
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Shaurya Gatha Book
Pablo Neruda
Douglas Malloch
Saturday, September 16, 2023
Days of Innocence #p6
भाईसाहब कुछ अच्छा करते हैं तो मम्मा 'शाबाश' बोलकर पीठ ठोक देती है।
एक बार भाईसाहब आए और पीठ दिखाकर कहते हैं "पापा मुझे छाबास बोलो।"
पापा
पीठ ठोककर शाबाश बोलते हैं, फिर पूछते हैं "आपने क्या अच्छा किया?"
"पापा, मैंने वॉशरूम में सुसु किया।"
पापा भोली सी सूरत को चुम्मी दे देते हैं।
#Shaurya_Gatha
#शौर्य_गाथा
75.
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