भाईसाहब सोमवार को स्कूल जायेंगे ये सुनकर वे शनिवार से ही "पापा स्कूल चलो... स्कूल चलो..." की रट लगाए हैं, अलग ही लेवल का एक्साइटमेंट है।
भाईसाहब का स्कूल का पहला दिन है. नानाजी विशेष रूप से आए हैं. वे इनको शिक्षा संस्कार दे रहे हैं, नानी टिफिन तैयार कर रही हैं. मम्मा ने बैग तैयार किया है. भाईसाहब मम्मा पापा की गोद में बैठकर स्कूल जाते हैं। क्लासरूम के अंदर जाते ही रोना शुरू कर देते हैं! सारा एक्साइटमेंट फुस्स्स...!
स्कूल टाइम खत्म होने को और भाईसाहब बहुत खेल रहे हैं, बहुत खुश है, अब इन्होंने वापस घर आने से इंकार कर दिया है!! इन्हें समझा बुझा कर घर लाया जा रहा है और भाईसाहब अब स्कूल छोड़ने के नाम पे रोने लगे हैं.
पापा को अपने बोर्डिंग स्कूल (Jawahar navodaya vidyalaya) के दिन याद आ जाते हैं, पापा छठवीं में जाकर वहां बहुत रोये थे... और बारहवीं वहां निकलते हुए भी!
भाईसाहब का पहला दिन भी ऐसा ही था, जाते हुए रोना, और आते हुए स्कूल छोड़ने के गम में रोना!!
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