मम्मा-पापा ने भाईसाहब को बर्थडे पर टेंट हाउस गिफ्ट किया है. अब यह इनका घर है. इनके रूम में जाएं तो कहते हैं "पापा, घर तलो.", "मम्मा, घर तलो."
भाईसाहब पापा को टेंट के अंदर ले आए हैं. अपने पेंट की जेब से झूठमूट के पैसे निकालकर बोलते हैं "पापा, दूद ले लो... मार्तेट(मार्केट) से."
पापा मुस्कुराकर बोलते हैं "ले लिया."
भाईसाहब बोलते हैं "पापा दूद पियो." पापा झूठमूट का दूध पीने की एक्टिंग करते हैं, भाईसाहब "हा... हा... हा" खिलखिलाकर हंस पड़ते हैं.
भाईसाहब अब पापा से पैसे मांगते हैं "पापा, पैथा दो... दूद पीना."
पापा झूठमूट के पैसे देते हैं, भाईसाहब टेंटहाउस की खिड़की से हाथ निकालते हैं, पैसे बढ़ाते हैं और कहते हैं "अंतल (अंकल), दूद दे दो... दूद." फिर झूठमूट का दूध इनके हाथ में आ जाता है और ये पीना शुरू कर देते हैं.
"पापा, अच्छा है...अच्छा."
"पापा, दूद खम (खत्म) हो गया... बाहल तलो."
...और भाईसाहब के ऐसे ही कोई न कोई खेल चल रहे हैं.
#शौर्य_गाथा
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