भाईसाहब की किताबें आई हैं और भाईसाहब बड़े खुश हैं. पापा कहते हैं "देखो... बुक्स..." भाईसाहब कहते हैं "बु... क्क.... "
पापा उन्हें कहते हैं बेटा गणेशजी वाली किताब लेकर आओ और भाईसाहब कृष्णा उठा लाते हैं. पापा कहते हैं "अरे ये तो कान्हा ले आए." भाईसाहब- "तान्हा... पापा तान्हा..."
पापा- "मेरा कान्हा कौन है?"
भाईसाहब मीठी सी मुस्कान लिए खुश होकर अपनी तरफ उंगली कर कहते हैं- "पापा मैं... मैं... तान्हा..."
#शौर्य_गाथा
2 comments:
सालों बाद जब बेटा इन लघु कथाओं को पढ़कर आह्लादित होगा , तब उसका चेहरा देखते बनेगा ।
जी. :)
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