तुम इतने छोटे लगते हो
चूमने के बाद
कि सीने से लगाने पे
मेरे में ही समा जाओगे कुछ क्षणों में.
कि सीने से लगाने पे
मेरे में ही समा जाओगे कुछ क्षणों में.
चमकती आंखें, मुस्कुराते होंठ
कातिलाना कॉम्बीनेशन हैं.
कातिलाना कॉम्बीनेशन हैं.
टेबल पे गिलास आधा खाली, आधा भरा
अधूरा सा सपना
सीने से चिपको
बालों में उंगलियां फेर
फेंक दो गिलास,
तमाम प्रश्न. -Office Love
अधूरा सा सपना
सीने से चिपको
बालों में उंगलियां फेर
फेंक दो गिलास,
तमाम प्रश्न. -Office Love
कविता शरबत नहीं.
पत्थर तोड़ पड़े फफोलों पे
उंगलियां फिरा
पीली पड़ती आंखों से मुस्कुराती हो,
फिर पूरी औरत लगने लगती हो.
पत्थर तोड़ पड़े फफोलों पे
उंगलियां फिरा
पीली पड़ती आंखों से मुस्कुराती हो,
फिर पूरी औरत लगने लगती हो.
खम्बों पे चूमती औरत के इश्तेहार हैं
हाथ गाड़ी पे सम्हालते ईंटें
दो सौ ईंट, दो पहियों के बीच
चार आंखें हंस जाती हैं,
ईंटें और साड़ी इक साथ सम्हलती हैं
मुस्कान और गाड़ी इक साथ ढुलकती हैं.
इश्क चुम्बन से परे
हवा में बिखर जाता है. -Labourer's Love
हाथ गाड़ी पे सम्हालते ईंटें
दो सौ ईंट, दो पहियों के बीच
चार आंखें हंस जाती हैं,
ईंटें और साड़ी इक साथ सम्हलती हैं
मुस्कान और गाड़ी इक साथ ढुलकती हैं.
इश्क चुम्बन से परे
हवा में बिखर जाता है. -Labourer's Love
दीवार पर फैज़
'बोल के लब आज़ाद हैं तेरे...'
लबों को लबों से सीं देता हूं
देखो! फेमिनिस्ट तुम झटकती भी नहीं मुझे.
'बोल के लब आज़ाद हैं तेरे...'
लबों को लबों से सीं देता हूं
देखो! फेमिनिस्ट तुम झटकती भी नहीं मुझे.
चेहरे पे झुर्री, पेट पर स्ट्रेच मार्क्स आने तक
उतने ही इश्क का वादा कर
स्टेशन पे गले लगा
अकेला छोड़ आता हूं. -Intellectual's Love
उतने ही इश्क का वादा कर
स्टेशन पे गले लगा
अकेला छोड़ आता हूं. -Intellectual's Love
आखिरी बार देख, अगली बार की ख़्वाहिश लिये
अॉटो चलाता हूं
जिसमें आखिरी दफ़े चूमा था.
अॉटो चलाता हूं
जिसमें आखिरी दफ़े चूमा था.
पलायनों के शहर में
मर्द-औरत सड़क किनारे सोते
इश्क फरमाने कहां ओट पाते होंगे?
मर्द-औरत सड़क किनारे सोते
इश्क फरमाने कहां ओट पाते होंगे?
मेरे कमरे में 'गुलज़ार' अब
फुटपाथ से चांद में महबूबा ढूंढता है. -Migrant Worker's Love
फुटपाथ से चांद में महबूबा ढूंढता है. -Migrant Worker's Love
'अक्षरधाम- किनारे लगे ईश्वर
बीच में कोई महामानव'
दुनिया की सबसे खराब जगह
तुम्हारे साथ का सुख
जैसे फलवाले-सब्जीवाली का
तपती दोपहर का अंगूरी प्रेम.
बीच में कोई महामानव'
दुनिया की सबसे खराब जगह
तुम्हारे साथ का सुख
जैसे फलवाले-सब्जीवाली का
तपती दोपहर का अंगूरी प्रेम.
तुम्हें महसूस करते
शरबती हो गई कविता.
नितान्त अकेले में पढ़ सकोगे तुम
उजले क्षणों में मैं...
शरबती हो गई कविता.
नितान्त अकेले में पढ़ सकोगे तुम
उजले क्षणों में मैं...
खुद को क़त्ल करना आसान है
दस नींद की गोलियां,
या इक पंखा,
दो पटरियां
या इक बार सीने से चिपक
फिर तुमसे कभी न मिलना.
दस नींद की गोलियां,
या इक पंखा,
दो पटरियां
या इक बार सीने से चिपक
फिर तुमसे कभी न मिलना.
फ़िरोजशाह ज़िन्दा
क़त्ल लोग बस संख्या
तारीख़ों में आम लोग शून्य रह जाते हैं.
क़त्ल लोग बस संख्या
तारीख़ों में आम लोग शून्य रह जाते हैं.
पांच फुट की लड़की
पांच मिलीमीटर की किसी कविता में
एक अहसास पिरो
ज़िन्दा कर देती है
तारीख़ों में इक आम सा लड़का,
जिसे अबतक कार रिवर्स करना भी नहीं आता. -Poet's Love
पांच मिलीमीटर की किसी कविता में
एक अहसास पिरो
ज़िन्दा कर देती है
तारीख़ों में इक आम सा लड़का,
जिसे अबतक कार रिवर्स करना भी नहीं आता. -Poet's Love
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