कौन कहता है,
टूटा रिश्ता काम का नहीं होता.
वजहें नहीं ढूंढनी पड़ती कभी आंसू बहाने.
भूख भी भुला सकता हूँ,
इश्क़ की याद में.
...और तेरे जाने के बाद,
अब कोई बेवफा भी नहीं लगता.
कीमत चुकानी पड़ती है इश्क़ की.
हर अश्क़ की कीमत है,
मैंने कीमतों में इश्क़ चुकाया है.