सड़कनामा
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
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Shaurya Gatha Book
Pablo Neruda
Douglas Malloch
Sunday, July 21, 2013
मेरी दखल से तंग आ
वो पूछती है मुझसे-
'तुम क्या थे? तुम क्या हो?'
मैं वो था,
जिसकी आँखों में
चार सपने पल रहे थे
और हर सपने में तुम थी.
मैं वो हूँ,
जिसकी आँखों में
चार सपने बिखरे हैं
और हर टुकड़े में तुम हो.
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