@Divya ji, ghar 'pakka' nhi hona chahiye, aggar kisi k dil me banaya ho to......yadi aap chhodenge to use bahut dard hoga. yadi pakka ghar banaya hi h to chhod ke hi mat jao!
दिल तो इसलिया पक्का बनाया था की आने के बाद तुम जा ना सको ...... तुम्हारी कोशिशें कामयाब न हो सकीं तो उनका क्या कसूर .... अच्छी है त्रिवेणी बहुत आप की ...
प्रिय विवेक जी, आपको मेरी कविता पसंद आई .... आपका ह्रदय से आभार .... आपकी भी रचनायें पढने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.... सादर व साभार ! आपका ही, शलभ गुप्ता
19 comments:
बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
pakka ghar !...
aisa hi hona chahiye .
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@sanjay ji, thanks for liking it. appreciate karte rahiye.
@Divya ji, ghar 'pakka' nhi hona chahiye, aggar kisi k dil me banaya ho to......yadi aap chhodenge to use bahut dard hoga.
yadi pakka ghar banaya hi h to chhod ke hi mat jao!
deewaron ki khidkiyon ko band mat rakhna...
kaun jaane
kab koi roshni ki kiral andar aane ko dastak de rahi ho...
God bless.
ख़ूबसूरत. बधाई,मित्र.
Just 3 lines..but kitna meaning chupa hain..very touching..loved it
Just 3 lines but kitna meaning chupa hain..
Very touching.. loved it
दिल तो इसलिया पक्का बनाया था की आने के बाद तुम जा ना सको ......
तुम्हारी कोशिशें कामयाब न हो सकीं तो उनका क्या कसूर ....
अच्छी है त्रिवेणी बहुत आप की ...
@akhila, aflatoon- thank u very much.
@digambar, mere dil me pakka ghar banaane ki kya zaroorat thi, jab use chhod ke hi jana tha to!!
बहुत ही सुन्दर शब्द रचे हैं आपने, बधाई ।
प्रिय विवेक जी,
आपको मेरी कविता पसंद आई ....
आपका ह्रदय से आभार ....
आपकी भी रचनायें पढने का सौभाग्य प्राप्त हुआ....
सादर व साभार !
आपका ही,
शलभ गुप्ता
भाई वाह...क्या बात है..बेजोड़...
नीरज
बहुत ही सुन्दर, बधाई
Apke blog par aaker achha lagaa. Bahut achha likhte hain aap.
I felt really sadness in this poem... very emotional touch! Loved it
Love
sabi SUnshine
@sada, rachna ji, niraj ji,- thanx for appreciation...
wow...brilliant!
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