सच कहती हूँ,
मैं खफा नहीं,
न ही बेवफा!
तुम,
नींद, दिन, रात
सब फना कर,
मेरे हो गये.
मैं,
तुम्हारी थी,
तुम्हारे हर पड़ाव पर,
साथ निभाने.
मंजिल और करीब लाने.
तुमने,
बढ़ना छोड़ दिया,
चलना छोड़ दिया.
ये कैसे बर्दाश्त करती!!
तुम्हारी उन्नति के लिए,
अथाह तन्हाई सहती हूँ.
बेवफा नहीं,
दुनिया की नज़रों में,
फिर भी बेवफा बनती हूँ.
मेरे प्यार को,
इससे बड़ा सबूत क्या दूँ?
काश! तुम समझो........सच क्या है.
6 comments:
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
Bahut sundar rachna..swagat hai blog jagat me!
swaagat hai.
kya kahane.narayan,narayan
बहुत सुन्दर रचना अपने दिल की वफाई पेश करती रचना !! बधाई हो !!!
Post a Comment